Heart Touching Romantic Love Story - Saccha Pyar Kahani in Hindi
आदित्य और प्रिया एक दूसरे से बेहद प्यार करते थे । वह दोनों एक ही कॉलेज में एक साथ ही पढ़ाई करते थे और दोनों का अब कॉलेज में एक साथ पढ़ाई का आखरी साल बचा हुआ था । एक दिन प्रिया और आदित्य पार्क में घूमने के लिए गए तब प्रिय ने पूछा , आदित्य तुम मुझसे कितना प्यार करते हो और तुम मुझसे शादी करोगे या बस यूं ही प्यार करके छोड़ दोगे।
तभी आदित्य ने कहा कि प्रिया आज तुम मुझसे यह कैसा सवाल पूछ रही हो तो प्रिया ने कहा कि आदित्य यह सवाल मैं तुमसे इसलिए पूछ रही हूं क्योंकि मैं तुमसे बेहद प्यार करती हूं और मैं मन ही मन तुम्हें अपना सबकुछ मान चुकी हूं ।
अगर तुमने मुझे कभी छोड़ भी दिया तो भी मैं तुम्हें भूल नहीं पाऊंगी । यह कहते ही प्रिया की आंखों में आंसू आ गए । प्रिया को इस तरह रोते देख आदित्य ने सबसे पहले उसके आंसू पहुंचे और फिर प्रिया को अपनी बाहों में ले लिया और फिर उससे यह कहा कि पगली मैंने तुम्हें छोड़ने के लिए थोड़ी प्यार किया है । हमारा प्यार तो सात जन्मो तक रहेगा और मैं जल्द ही अपने घर वालों के साथ तुम्हारे पिताजी से तुम्हारा हाथ मांगने जरूर आऊंगा ।
यह सुनते ही प्रिया बहुत खुश हो गई और खुशी के मारे फिर से आदित्य की बाहों में लिपट गई और फिर वह दोनों ही अपने अपने घर चले गए अब कुछ ही महीनों में दोनों की कॉलेज की पढ़ाई भी पूरी हो गई थी ।
अब दिन-ब-दिन आदित्य और प्रिया का भी प्यार बढ़ता ही जा रहा था । एक दिन आदित्य प्रिया से फोन करके कहता है कि प्रिया आज मैं अपने माता-पिता के साथ तुम्हारे घर आ रहा हूं । तुम्हारे और मेरे रिश्ते के लिए । यह बात सुनकर प्रिया बहुत ही खुश होकर आदित्य से कहती है आदित्य आज तो तुमने मुझे सरप्राइस कर दिया । तुम जल्दी आ जाओ और मैं जल्दी तैयार हो जाती हूं ।
करीब 1 घंटे में ही आदित्य और उसके माता-पिता प्रिया के घर पर पहुंच जाते हैं लेकिन जब आदित्य प्रिया के घर पहुंचता है तो वह क्या देखता है कि प्रिया का तो इतना बड़ा घर है और वह मन ही मन यह सोचता है कि शायद प्रिया के पिताजी बहुत ही अमीर है लेकिन हमारा परिवार तो इनके आगे कुछ भी नहीं ।
तभी आदित्य ने प्रिया के घर की बेल बजाई । प्रिय समझ जाती है कि आदित्य आ गया और वह नौकर को ना कहकर खुद ही दरवाजा खोलने चली जाती है और आदित्य उसके परिवार का स्वागत करती है और उन्हें अंदर लेकर जाती है ।
अंदर जाते ही आदित्य के माता-पिता इतने बड़े घर को देखकर यह सोचते हैं कि पता नहीं प्रिया के पिताजी यह रिश्ता करेंगे या नहीं । तभी अचानक प्रिया के पिताजी भी आ जाते हैं और सभी के लिए नाश्ता पानी मंगवाते हैं । तभी आदित्य के पिताजी ने आदित्य के लिए प्रिया के पिताजी से प्रिया का हाथ मांग लिया।
प्रिया के पिताजी ने आदित्य से पूछा कि बेटा तुम काम क्या करते हो तब आदित्य ने बड़े प्यार से कहा कि अंकल जी, मैंने रेलवे में बड़ी पोस्ट पर फॉर्म भर रखा है और मैंने उसके पेपर भी दे दिए हैं और बस अब रिजल्ट आना ही बाकी है ।
तभी फिर से प्रिया के पिताजी ने पूछा कि उस रेलवे की पोस्ट पर तुम्हारी सैलरी कितनी होगी तो आदित्य ने कहा अंकल जी यही कोई 30000 के आसपास होगी यह सुनते ही पिताजी ने आदित्य से बहुत ही गुस्से में कहा कि तुम्हें पता है कि 30,000 तो मेरी बेटी 10 दिन में खर्च कर देती है और तुम्हें शायद यह भी नहीं पता होगा कि मेरी बेटी प्रिया हर हफ्ते आठ से दस हजार की तो बाहर शॉपिंग करके ही खर्च कर देती है। यह सुनते ही आदित्य के पिताजी ने भी गुस्से में यह कह दिया कि शायद आपको आपके इस धन दौलत पर बहुत ही ज्यादा घमंड है । रखिये अपनी धन दौलत अपने पास ।
और अपनी बेटी की शादी किसी करोड़पति लड़के से करवाना तभी वे अपने बेटे आदित्य का हाथ पकड़कर यह कहते हैं कि चलो बेटा हम तेरा रिश्ता कहीं और करवा देंगे तभी आदित्य प्रिया के पिताजी के आगे हाथ जोड़कर यह कहता है कि अंकल जी मैं आपकी बेटी से बेहद प्यार करता हूं और प्रिया भी मुझसे बहुत प्यार करती है तो प्लीज इस रिश्ते के लिए आप मान जाइए और आपसे मैं वादा करता हूं कि मैं आपकी बेटी को जरा भी दुखी नहीं रखूंगा ।
यह सुनते ही प्रिया की भी आंखों में आंसू आ जाते हैं और वह भी अपने पिताजी से कहती है कि पिताजी मैं भी आदित्य से बेहद प्यार करती हूं और मैं उसके बिना किसी और से कभी भी शादी नहीं कर पाऊंगी । बेटी की यह बात सुनकर उसके पिताजी ने उसके एक थप्पड़ मार दिया।
तभी प्रिया रोती हुई अपने कमरे में चली गयी ।
फिर पिताजी ने गुस्से में अपने नौकर से कहा कि इन लोगों को यहां से बाहर निकाल दो । यह सुनते ही आदित्य और उसके माता-पिता बड़े ही निराश होकर प्रिया के घर से चले गए और जल्द ही प्रिया के पिताजी ने प्रिया की एक बड़े घर में शादी तय कर दी और उन्होंने उसकी जबरदस्ती ही 1 महीने के अंदर सगाई भी करवा दी ।
उधर आदित्य की रेलवे में नौकरी भी लग तब एक दिन अचानक प्रिया ने आदित्य को फोन करके यह कहा कि आदित्य तुम कहां चले गए थे।
मैंने कितनी बार तुम्हारा नंबर मिलाया लेकिन तुम्हारा नंबर बंद का रहा था और मैंने अपनी सहेली को भी कितनी बार तुम्हारे घर पर भेजा था मगर तुम्हारे घर तो ताला लगा हुआ था फिर मुझे तुम्हारा एक दोस्त मिला तो मैंने उससे तुम्हारा नंबर लेकर तुम्हें फ़ोन किया है।
मेरे पिताजी ने मेरी सगाई जबरदस्ती ही किसी और से करवा दी लेकिन मैं तुम्हारे बिना नहीं रह सकती । तुम जल्दी यहां आ जाओ आदित्य वरना मैं अपनी जान दे दूंगी । तब आदित्य ने कहा कि प्रिया मैं भी तुमसे बेहद प्यार करता हूं ,लेकिन प्लीज ऐसा कोई भी कदम मत उठाना कि जिसकी वजह से तुम्हारे घर वालों को शर्मिंदा होना पड़े और प्रिया अगर हमारा प्यार सच्चा होगा तो हमें मिलने से कोई भी नहीं रोक सकता और प्रिया अगर हमने घर से भाग कर शादी कर भी ली तो तुम्हें पता है जीवन के आने वाले वक्त में हमारे बच्चे भी ऐसा ही करेंगे और फिर हमें भी बहुत शर्मिंदा होना पड़ेगा ।
इसलिए प्रिया हमें हमारे प्यार पर पूरा विश्वास रखना चाहिए और उस भगवान पर भी जिसने हम दोनों को सच्चा प्यार करवाया अब बस तुम वैसा ही करो जैसा तुम्हारे घर वाले तुमसे कह रहे हैं यह बात कहते हुए आदित्य की आँखों में आंसू आ रहे थे , लेकिन उसने सारा दर्द छिपाते हुए प्रिय को गलत कदम उठाने से बचा लिया ।
अब प्रिया ने रोते हुए आदित्य से ये कहा कि मैं तुम्हारे कहने से अपने परिवार की बात मानकर यह शादी जरूर कर लुंगी मगर तुम यह बात याद रखना की शादी करके किसी और के पास मेरा शरीर ही जायेगा । मैं तो मन से सिर्फ तुम्हारी ही हूँ ।
मेरी आत्मा हमेशा सिर्फ तुमसे ही प्यार करेगी । फिर वो रोती हुई फोन को काट देती है । उधर आदित्य भी टूट कर जमीन पर बैठ जाता है । शादी का दिन भी आ गया और अब तो उसके चौखट पर बारात भी आ गई थी । तभी अचानक जैसे ही प्रिया दुल्हन के जोड़े में सीढ़ियों से नीचे उतर रही थी वैसे ही बड़ी तेजी से चक्कर खाकर सीढ़ियों से नीचे की तरफ गिर गयी और नीचे गिरकर बेहोश हो गई थी और उसके पैर में बहुत ज्यादा चोट लग गई थी और शायद उसके पैर की हड्डी भी टूट गई थी ।
तभी प्रिय के पिताजी ने तुरंत एक एंबुलेंस बुलाई और जल्दी से उसे हॉस्पिटल लेकर गए और तभी आदित्य के भी दोस्त ने आदित्य को भी फोन करके हॉस्पिटल ही बुला लिया । आदित्य को हॉस्पिटल में देखकर प्रिया के पिताजी उस पर बहुत गुस्सा होते हैं मगर वहां उनके सभी रिश्तेदार होने के कारण उसे कुछ भी नहीं कह पाते तभी डॉक्टर इलाज करके बाहर आते हैं तो पिताजी ने डॉक्टर से पूछा कि क्या अब मेरी बेटी ठीक है ।
तभी प्रिय के पिताजी ने तुरंत एक एंबुलेंस बुलाई और जल्दी से उसे हॉस्पिटल लेकर गए और तभी आदित्य के भी दोस्त ने आदित्य को भी फोन करके हॉस्पिटल ही बुला लिया । आदित्य को हॉस्पिटल में देखकर प्रिया के पिताजी उस पर बहुत गुस्सा होते हैं मगर वहां उनके सभी रिश्तेदार होने के कारण उसे कुछ भी नहीं कह पाते तभी डॉक्टर इलाज करके बाहर आते हैं तो पिताजी ने डॉक्टर से पूछा कि क्या अब मेरी बेटी ठीक है ।
डॉक्टर वहां से चला जाता है तब प्रिया के पैर के बारे में सुनकर प्रिया के होने वाले ससुर ने उसी वक्त से अपने बेटे की शादी प्रिया से तोड़ देते है । तभी प्रिया के पिताजी उसके आगे हाथ जोड़कर कहते हैं कि समधी जी आप इस शादी के लिए कैसे मना कर सकते हैं ।
हमारी सारी तैयारियां हो चुकी है और आप एन वक्त पर इस शादी के लिए मना कर रहे हो । कृपया समधी जी हमारी इज्जत को समझिए और इस शादी के लिए मना मत करिए । आप चाहे तो मुझसे 10 से 15 लाख रुपए और ले लीजिए मगर मेरी बेटे को अपना लीजिए और मैं कुछ भी करके अपनी प्रिया का बिल्कुल ठीक करवा दूंगा ।
लेकिन दूल्हे का बाप प्रिया के पिताजी का हटाते हुए गुस्से में कहता है कि तेरी औकात ही क्या है मेरे सामने । क्या तुम मेरे बेटे को 10 से 15 लाख रूपों में खरीदना चाहते हो तुम्हें पता भी है 10 से 15 लाख तो मेरा बेटा यूं ही खर्च कर देता है । तुम्हारी बेटी के साथ अपने बेटे की शादी में इसलिए करवा रहा था क्योंकि तुम्हारी बेटी बहुत ही सुंदर थी मगर अब तो उसका पैर ही टूट गया और मेरा बेटा किसी लूली लंगड़ी से शादी करके क्यों अपनी जिंदगी बर्बाद करेगा । इसलिए मैं अभी-अभी तुम्हारी बेटी के साथ अपने बेटे का रिश्ता पूरी तरह तोड़ता हूं ।
यह कहकर वे अपने बेटे और पूरी बारात को वापस ले कर चला जाता है और इस बात से दुखी होकर प्रिया की पिताजी हॉस्पिटल में ही बहुत रोने लग जाते हैं । और उन्हें वह सारी बात याद आ जाती है जो उन्होंने आदित्य के पिताजी से कही थी । और उनकी बहुत बेइज्जती की थी । उसी तरह आज उनकी भी इज्जत नीलाम हो गयी थी ।
उनका पैसा भी धरा का धरा ही रह गया । यह सोचकर प्रिया के पिताजी बहुत दुखी हो रहे थे कि तभी अंदर से बहुत रोने की आवाज आने लगी | तभी पिताजी ने रोते हुए कहा कि अभी अभी तेरे होने वाले ससुर ने यह रिश्ता तोड़ दिया है और रात को भी वापस ले गए अपने पिताजी का हौसला बढ़ाते हुए कहती हैं पिताजी जो होता है वो अच्छे के लिए ही होता है।
और आपकी बेटी का दूल्हा और बारात आपके सामने ही खड़े है । तभी प्रिया के पिताजी देखते है कि आदित्य और उसका परिवार और आदित्य के दोस्त हाथ जोड़े खड़े हुए थे । तभी प्रिया अपने पिताजी से कहती है कि पिताजी अब फैसला आपके हाथो में है की आपको आपकी धन दौलत की बराबरी वाला लड़का चाहिए या आपकी इज्जत करने वाला और आपकी बेटी की हर कमी के बाद भी उसका साथ निभाने वाला ।
आदित्य मुझसे आज भी सच्चा प्यार करता है और आज भी मेरी इस हालत में मेरे साथ अपने परिवार को लेकर खड़ा है । यह सुनते ही प्रिया के पिताजी आदित्य के पापा के पैरो में गिर कर रोने लगते है और अपनी पुरानी अहंकार भरी बातो के लिए माफ़ी मांगते है | आदित्य के पिता जी उन्हें उठा कर गले लगा लेते है और प्रिया के हाथ अपने बेटे के लिए मांग लेते है ।
कुछ दिनों बाद दोनों की शादी तय कर दी जाती है | फेरो के समय में आदित्य प्रिया को अपनी गोद में लेकर फेरो की सारी रस्मे पूरी करता है । वहा सभी उपस्थित लोग दोनों के अटूट प्यार को देखकर बहुत प्रभावित होते है । आदित्य प्रिया से कहता है कि देख लो प्रिया हमारे सच्चे प्यार के कारण ही आज हमारी शादी हुई है । प्रिया बहुत खुश होती है और ईश्वर का धन्यवाद देती है |
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