कमाई का घमंड - शिक्षाप्रद हिंदी कहानी || Kamai Ka Ghamand
एक आदमी ने एक बार ईश्वर से पूछा कि प्रभु , बताये मेरे भाग्य में कितना धन है?
ईश्वर ने कहा - 1 रुपया रोज तुम्हारे भाग्य में है।
आदमी बहुत खुश रहने लगा ,क्योकि उसकी जरूरते 1 रूपये में पूरी हो जाती थी ।
एक दिन उसके मित्र ने कहा की मैं तुम्हारे सादगी भरे जीवन को देखकर बहुत प्रभावित हुआ हूं और अपनी बहन की शादी तुमसे कराना चाहता हूँ।
आदमी ने कहा मेरी कमाई 1 रुपया रोज की है ,इसको ध्यान में रखना। तुम्हारी बहन को इसी में ही गुजर बसर करना पड़ेगा ।
मित्र ने कहा कोई बात नहीं मुझे यह रिश्ता मंजूर है। शादी हो गयी और फिर एक चमत्कार हुआ ।
क्योकि अगले दिन से उस आदमी की कमाई 11 रुपया हो गई।
उसने फिर ईश्वर से बात कि और पूछा , हे ईश्वर , मेरे भाग्य में 1 रूपया लिखा है फिर 11 रुपये हर दिन क्यो मिल रहे है...??
ईश्वर ने कहा - तुम्हारा किसी से रिश्ता या सगाई हुई है क्या...??
आदमी ने कहा जी हाँ, हुई है।
तो यह तुमको 10 रुपये तुम्हारी पत्नी के भाग्य के मिल रहे है।
कुछ महीनों के बाद उसकी पत्नी गर्भवती हुई और उसकी कमाई फिर बढ़कर 31 रूपये होने लगी।
फिर उसने इस बढ़ी हुई कमाई के बारे में ईश्वर से पूछा ।
ईश्वर ने कहा- यह तेरे बच्चे के भाग्य के 20 रुपये मिल रहे है।
हर मनुष्य अपना भाग्य लेकर जन्मता है ।
लेकिन फिर भी मनुष्य अहंकार करता है कि मैने बनाया........मैंने कमाया......
मै कमा रहा हूँ , मेरी वजह से हो रहा है हे प्राणी तुझे नहीं पता तेरी कमाई किसके भाग्य के कारण तुझे प्राप्त हो रही है ।
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