Chabi Aur Hathoura  Moral Hindi Story - हथौड़ा और चाबी हिंदी ज्ञान भरी कहानी

एक शहर की भीड़ भाड़ वाली एक गली में एक पुरानी ताले की दुकान थी। वहा तरह तरह के ताले रखे हुए थे । दूर दूर से उस प्रसिद्ध दुकान पर लोग ताला-चाबी खरीदने आते थे ।

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कभी-कभी लोग चाबी गुमने पर डुप्लीकेट चाबी बनवाने भी आते । उसी दुकान पर एक भारी-भरकम हथौड़ा भी था जो कभी कभार ताला तोड़ने के काम में आता था ।

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हथौड़ा खुद के अस्तित्व को लेकर बड़ा असमंजस्य में था क्योकि बड़े बड़े ताले को आसानी से चाबियाँ खोल देती थी पर ताला तोड़ने के लिए उसे बहुत से प्रहार करने पड़ते थे ।

एक दिन उससे रहा नहीं गया, और उसने एक छोटी सी चाबी से पूछ ही लिया - “बहन , ये बताओ कि आखिर तुम्हारे अन्दर ऐसी कौन सी शक्ति है जो तुम इतने मजबूत और कठोर तालों को भी बड़ी आसानी से खोल देती हो, जबकि मैं इतना बलशाली होते हुए भी ऐसा नहीं कर पाता?”

वो नन्ही सी चाबी मुस्कुराई और बोली- भाई , दरअसल तुम तालों को खोलने के लिए अत्यधिक बल का प्रयोग करते हो । कभी उसके अन्दर उतरकर कोशिश नही करते । उनके ऊपर प्रहार करते हो और ऐसा करने से ताला खुलता नहीं टूट जाता है ।

जबकि मैं ताले को बिलकुल भी नुकसान नहीं पहुंचात , मैं तो उसके दिल में उतर कर उसके हृदय को स्पर्श करती हूँ और उसके दिल में अपनी जगह बनाती हूँ। इसके बाद जैसे ही मैं उससे खुलने का निवेदन करती हूँ, वह तुरंत खुल जाता है। मैं जोर जबरदस्ती नही बल्कि प्यार से उसे खोल देती हूँ ।

कहानी से शिक्षा:-

दोस्तों, यह छोटी सी कहानी बहुत अच्छी शिक्षा हमें देती है । इस कहानी से लाइफ की बहुत बड़ी सीख मिलती है । यदि हमें भी किसी से अपनी बात मनवानी है तो सबसे पहले नर्म होकर उसके दिल में उतरो और फिर प्यार से अपनी बात मनवा लो । यदि हम हथौड़े की तरह जोर-जबरदस्ती के साथ उसके ऊपर अपना जोर दिखाएँगे तो बात बनने की जगह बिगड़ जाएगी । 

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