कुरूप पेड़ - आत्मविश्वास बढ़ा देने वाली हिंदी कहानी
दोस्तों आज की कहानी है कुरूप पेड़ का दुःख कैसे बना उसका जीवन | बहुत ही प्रेरणादायक और लाइफ चनिंग स्टोरी को जरुर पूरा देखे और अंत में इस कहानी को हम सिद्ध करके दिखायेंगे अवनि लखेरा से जो भारत की पहली स्वर्ण पदक विजेता बनी है | तो चलिए शुरू करते है |
बहुत समय पहले, एक जंगल में बहुत सारे सीधे तने हुए, सुंदर-सुंदर पेड़ थे। उसी जंगल में एक पेड़ अलग-अलग सा था। उसका तना झुका हुआ और टेढ़ा-मेढ़ा था। उसकी डालियों भी टेढ़ी-मेढ़ी थी।
अपनी इस हालत की बजह से वह पेड़ काफी उदास रहता था। जब भी वह दूसरे पेड़ों की ओर देखता, तो आहे भरता और सोचता काश, मैं भी बाकी पेड़ों की तरह सुंदर होता।
भगवान ने मेरे साथ बड़ा अन्याय किया है।
एक दिन, एक लकड़हारा उस जंगल में आया । उसकी निगाह उस टेढ़े-मेढ़े पेड़ पर पड़ी। वह तिरस्कार भरे स्वर में बोला, ये टेढ़ा-मेढ़ा पेड़ मेरे किस काम का और तब उसने बाकी सारे सीधे और सुंदर पेड़ों को काट डाला।
तब उस टेढ़े -मेढ़े पेड़ को समझ में आया कि भगवान ने उसे टेढ़ा-मेढ़ा और कुरूप बनाकर उसके साथ कितना अच्छा किया क्योंकि उसके इसी आकर की वजह से ही उसकी जान बच पाई।
दोस्तों इस कहानी से सीख मिलती है कि कभी भी किसी भी हालत के लिए ईश्वर को दोष ना दे क्योकि हर बुरे हालात के पीछे भी कोई ना कोई अच्छाई छिपी होती है |
अभी हाल ही मैं पैरा ओलिंपिक में अवनि लखेरा ने भारत को स्वर्ण दिलाकर इस कहानी को सिद्ध कर दिया कि भगवान ने अपंग बनाकर भी आज उसका नाम पूरी दुनिया में छा गया | वो भारत की पहली ऐसी बेटी बनी जिसने भारत को स्वर्ण दिलाकर इतिहास में अपना नाम अमर कर लिया |
दिल से सलाम है ऐसी भारतीय बेटी और उसके जज्बे को तो टूटी नही बल्कि और निखर कर अपना मुकाम पाया |
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