भगवान पर भरोसा || हिंदी धार्मिक कहानी || 

Bhagwan Par Bharosh Hindi Dharmik Kahani 

एक दिन एक महिला को किसी धार्मिक स्थल से भगवान की सेवा का आदेश मिला , महिला सहर्ष सेवा में चली गयी । थोड़ी देर बाद उसी महिला को फ़ोन से पता चला कि उसके बेटे का ऐक्सिडेंट हो गया।
 

वो महिला भगवान जी से आज्ञा लेकर हॉस्पिटल पहुँची ।

महिला ने भगवान से प्रार्थना की और अपने बेटे की देखभाल में लगी रही ।

महिला की पड़ोसन जो उनकी दोस्त भी थी बोली बहन तेरे भगवान जी कितने निर्दयी है ।

तू दिन रात सेवा में लगी रहती है और उन्होंने तेरे साथ क्या किया।

तेरे बेटे का ऐक्सिडेंट करवा दिया ।

वो महिला बोली मुझे तो अपने भगवान जी पर पूरा भरोसा है।

वो जो करते है बिल्कुल सही करते हैं , इसमें भी कोई राज की बात होगी जो हम नादान समझ नही पाते है ।

मेरे भगवान जी किसी का बुरा नही करते, जो भी होता है वो अच्छा ही होता है । 

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Bhagwan par Bharosa - भगवान पर भरोसा || हिंदी धार्मिक कहानी || Hindi Religious Story ||


कुछ दिनो बाद उस माई का लड़का ठीक हो गया । महिला फिर से सेवा में लग गयी।

फिर कुछ दिन बाद पता चला की बेटे का फिर ऐक्सिडेंट हो गया है ।

अब पड़ोसन फिर कहने लगी बहन तेरे पीछे तो भगवान दुःख देने के लिए खड़ा रहता है ।

तो महिला बोली कुछ घटनाएँ हमारी परीक्षा के लिए भी होती हैं। ज़रुर मेरे भगवानजी मुझे कुछ समझाना चाहते हैं। मेरा उन पर अटूट विश्वास है , वो सब अच्छा ही करेंगे ।

महिला भगवान की सेवा और अपने लड़के की देखभाल करती रही और

धीरे धीरे बेटा फिर ठीक हो गया । अब बेटे का तीसरी बार फिर ऐक्सिडेंट हो गया

तो पड़ोसन बोली बहन तू नही मानेगी , तू अपने बेटे की कुंडली महाराज जी से चेक करवा ले ।

महिला बोली ठीक है,तू भी अपने मन की तसल्ली कर ले लेकिन मेरा विश्वास नही डोलेगा।

मेरे भगवानजी सब ठीक कर देंगे ।

अब पड़ोसन कुंडली लेकर अपने पंडित जी के पास गयी और बोली महाराज इस बच्चे का बार बार ऐक्सिडेंट हो जाता है । जरा देखिये इसकी कुंडली में क्या दोष है ?

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महाराज बोले ये क्या ले आयी बहन, जिस किसी की भी ये कुंडली है,वो तो कई साल पहले मर चुका है।

तो बहन बोली नही महाराज मेरी सहेली का बेटा है और अभी ज़िंदा है पर बार बार चोट लग जाती है ।

पंडित जी बोले जो भी है उसकी मृत्यु कई साल पहले हो जानी चाहिए थी

जरुर कोई ईश्वरीय शक्ति है जो उसे बचा लेती है। यह सुनकर उस महिला की आँखें भर आईं।

वो दौडी दौड़ी उस महिला के पास आकर चरणो में गिर गयी और बोली बहन मुझे भी अपने भगवान जी के पास ले चल ।

पूछने पर उसने बताया कि कैसे भगवान ने उसके बेटे की मौत को टालकर सिर्फ कुछ जख्म ही दिए है । दोनों ने भगवान का शुक्रिया किया और भक्ति और सेवा में लग गयी ।

कहने का भाव ये है कि

दोस्तों कहानी से यही सीख मिलती है की जो भी होता है अच्छे के लिए होता है बस हमें समझने में थोडा समय जरुर लगता है । ईश्वर पर हमेशा भरोसा बनाये रखे । क्योकि उसकी करनी में कोई ना कोई भलाई जरुर छिपी होती है ।

 

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